Monday, May 10, 2010

ma parmeshwar ka sakar swaroop hai

 जिस प्रकार हम उस  दिव्य परमात्मा की महिमा का गुणगान करने में सदा स्वयं को असमर्थ पाते है ठीक वैसे ही हम अपनी माँ की ममता का गुणगान नहीं कर सकते :यह  तो सिर्फ अहसास की बात है; अभियक्ति की नही .इस जगत में माँ का स्वरूप  साक्षात permeshwar का roop है.

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