Saturday, February 20, 2010

kya ab hum kitaben kam parhte hai?

किताबे पढ़ने की प्रवति कम हो गई है  या रूचि कम हो गई है अथवा यूँ कहें की अब हम पहले की तरह किताबो में नहीं दूबतें
हाँ, ये सुच है की एल्क्ट्रोनिक क्रांति ने हमारे जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन किए हैं :जो किसी सीमा तक तो अच्छे हैं और बुरे भी:जैसा हरकिसी  चीज के दो अच्छे बुरे पहलू होतें हैं.ठीक वैसे.परन्तु जब किसी चीज के अच्छे पहलु कम और बुरे पहलू अधिक होने लगे तो वह वस्तु हमारे जीवन को,समाज को,देश-विदेश-दुनियां-जहान को प्रभावित करती है.

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